बिस्तर का तुम्हारा कोना
अब मेरे कपड़ों और किताबों की
बेतरतीबी की आजादी है।
TV के channel बदलते रहने की
तुम्हारी परेशान करने वाली आदत से
छुटकारा है remote मेरे हाथ में होना।
खिचड़ी में पानी का
कभी सही अँदाजा ना होने कि कमजोरी का
कोई मजाक नहीं उड़ाता।
अलार्म के साथ ही शुरु हो जाने वाली
तुम्हारी live commentary की जगह
मुझ सी शाँत हुआ करती हैं
मेरी सुबहें।
रात के उस सपने से डर कर
उठ जाने की मेरी आदत
गयी नहीं अब तक।
पर अब सर सहला कर, मुझे सुलाने की
नाकाम कोशिश में, मेरे कानों में
खर्राटे लेते, कोई खुद नहीं सो जाता।
और इस आजादी को जीते हुए,
लगता है, पूरा agreement पढ़ने वाली मैं,
Terms and conditions पढ़ना भूल गई।
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